Journalism

Saturday, 23 January 2016

बहुत जल्द शुरू होने जा रहा है "स्टार ऑफ़ द सिटी सीज़न 2"

* सिकेन शेखर 


"स्टार ऑफ़ द सिटी" के जरिए हमने मेरठ में उभर रहे नन्हें कलाकारों की बेहद अनोखी कला को देखा वही दूसरी ओर मेरठ में स्थित आलिशान पांच सितारा होटल ब्रावुरा गोल्ड रिसोर्ट के प्लेटफॉर्म पर मेरठ के इतिहास में कलाकारों की कला की बनती तस्वीरों को लोगो ने बखूबी सराहा।


इन तस्वीरों में दिख रहे अंदाज़ को दरअसल बॉलीवुड या हॉलीवुड के कैमरों से देखने की कोशिश की जाएं तो बॉलीवुड या हॉलीवुड के सितारों और स्टार ऑफ़ द सिटी के इन सितारों में ज्यादा अंतर नहीं दिखता। इन सब के बीच नज़र अगर "स्टार ऑफ़ द सिटी" के ऐज ग्रुप 5 वर्ष से 10 वर्ष के बच्चों पर घुमाई जाए, तो यह तस्वीरें वाकई कुछ कहती हैं।

2015 इन बच्चों की ज़िंदगी में क्या-क्या ले कर आया।  इस पर अगर चर्चा की जाए, तो बेहद दिलचस्प होगा।मगर "स्टार ऑफ़ द सिटी 2015" का यह ख़िताब इनके हाथों में  देख कर इनके अब-तक के करियर में एक बेहद मिसाल कैसे बनी? दरअसल इन तस्वीरों से बखूबी समझा जा सकता है।
जरा देखिए इन तस्वीरों को

इंडियन फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट उत्तर भारत का एक ऐसा संस्थान है, जहाँ पर मीडिया में करियर बनाने हेतु देश के विभिन्न हिस्सों से छात्र-छात्राएं इस संस्थान में प्रवेश लेकर अपनी मीडिया सम्बंधित शिक्षा को पूरी करते हैं। इन सब के बाद मेरठ स्थित तिरुपति बालाजी सिने प्रोडक्शन और सिटी हलचल के सहयोग से देश के युवाओं के लिए तरह-तरह की कला सम्बंधित प्रतियोगिताओं का मंचन किया जाता है। हाल ही के दिनों पर अगर नज़र डाली जाए तो, 2015 में "स्टार ऑफ़ द सिटी" और देश के सबसे बड़े टेलीविज़न रियलिटी शो "वंडर मॉम" का आयोजन किया गया था। आपकी जानकारी के लिए यह भी बताता चलु कि "वंडर मॉम" का प्रसारण इन दिनों मेरठ और आस-पास के शहरों में डेन ग्लेक्सी के चैनल पर किया जा रहा है।


 "स्टार ऑफ़ द सिटी सीज़न-2" बहुत जल्द शुरू होने जा रहा है। इंडियन फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट के निदेशक श्री संदीप कुमार रायजादा का मानना है, कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों को एक बेहतर प्लेटफार्म मिलता है और यह प्लेटफॉर्म ही बच्चों के रूचि अनुसार करियर की ओर इशारा करता है। एक वक्त था, जब लोग 30-35 वर्ष के उम्र में बड़ी मुश्किल से कोई उपलब्धि अपने नाम कर पाते थे। उस वक्त दरअसल संभावनाएं ही नहीं होती थी। मगर आज वक्त बिल्कुल विपरीत है। कभी-कभी 10-12 साल के बच्चों से मुलाकात करता हूँ, तो उनसे पूछता हूँ, कि आपको अब तक क्या-क्या अवार्ड या ट्रॉफी मिले हैं तो उनके ज़वाब में 10-12 लंबे-लंबे प्राइज की लिस्ट होती है। आज के बच्चों के लिए संभावनाएं बहुत है। जिन बच्चों ने अब तक अगर कोई भी उपलब्धि अपने नाम नही की है, तो उन्हें और उनके अविभावकों को जिला स्तरीय व् राज्य स्तरीय समाज में हो रही तमाम प्रतियोगिताओं पर नज़र रखनी चाहिए।

अभी कुछ ही समय पहले हमने देखा कि पुणे की 10 वर्षीय इशिता कत्याल किस तरह न्यूयॉर्क में आयोजित हुई "टेडक्स युथ कॉन्फ्रेंस" में 'व्हाट डू यू वांट टू बी नाउ' टॉपिक पर स्पीकर के तौर पर अपने विचार रखी।


 आपको यह जान कर गर्व होगा, कि इशिता "टेडक्स युथ कॉन्फ्रेंस" में सबसे कम उम्र में चुनी गई भारतीय स्पीकर बनी है। (https://www.youtube.com/watch?v=WlW7uzxurmA) इस लिंक पर क्लिक कर आप इशिता कत्याल के द्वारा न्यूयॉर्क में दी गई स्पीच को सुन सकते है। यह हमारे देश के बच्चों के लिए अनोखी मिसाल है। हमें बेहतर प्रयास के लिए हर वक्त तत्तपर रहने की जरूरत है।

 इंडियन फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट के निदेशक श्री संदीप कुमार रायजादा आखिर में कहते है, कि "स्टार ऑफ़ द सिटी" के लिए रजिस्ट्रेशन और ऑडिशन की तिथि की अधिकारिक रूप से बहुत जल्द ही पुष्टि की जाएगी। बच्चों को अपनी तैयारी अब शुरू कर देनी चाहिए। अगर "स्टार ऑफ़ द सिटी" संबंधित किसी भी तरह की जानकारी चाहिए तो सोमवार से शनिवार प्रातः 10 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक मेरठ स्थित इंडियन फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट के कैंपस में संपर्क कर सकते है। या संस्थान के फेसबुक पेज (http://www.facebook.com/iftimrt) के जरिए भी जानकारी ली जा सकती है।
तो चलिए हो जाइए तैयार क्योंकि जल्द आ रहा है आपका अपना सबसे पसंदीदा शो "स्टार ऑफ़ द सिटी सीजन 2"